दी..दी...दी... ...!!!
तुम मिले तो
क्या कुछ नहीं मिला
मेरी कलम को
लिखने का आशरा मिला
मन में एक अहसास जगा
भावनाएं बहने लगी
और मैं लिखता चला .....
एक के बाद एक नईं कविता
आज मैं हूँ ...आप हैं......
और बहुत सारे सह लेखक हैं
हर एक टिप्पणी
एक स्फूर्ति,
एक उर्जा देती है ....
लिखने को कुछ और नया
और मैं ........
लिखता ही जा रहा हूँ ....
निरंतर..... निश्छल ...विना रुके ......
तुम मिले तो
क्या कुछ नहीं मिला
मेरी कलम को
लिखने का आशरा मिला
मन में एक अहसास जगा
भावनाएं बहने लगी
और मैं लिखता चला .....
एक के बाद एक नईं कविता
आज मैं हूँ ...आप हैं......
और बहुत सारे सह लेखक हैं
हर एक टिप्पणी
एक स्फूर्ति,
एक उर्जा देती है ....
लिखने को कुछ और नया
और मैं ........
लिखता ही जा रहा हूँ ....
निरंतर..... निश्छल ...विना रुके ......
संजय भास्कर भाई.....
ReplyDeleteमाफ़ी चाहूँगा ख़राब पोस्टिंग के कारन मुझे पोस्ट delet करनी पड़ी और आप की टिप्पणी भी delete हो गयी
पर दिल में आप सदेव हो ....
सुन्दर अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteऐसे ही लिखते रहें..
धन्यवाद..
धन्यवाद ,धर्मजीजो आपने इतना मान दिया है |आप युवा है और अपने गाँव ,देश से प्रेम करते है यही जज्बा हमेशा बना रहे और अपनी लेखनी से सद्विचार लिखते रहे |
ReplyDeleteआभार
धर्म जी ,
ReplyDeleteआपने तो हमें अपनी लेखनी से ही नवाज़ दिया ...इतने मान सम्मान का शुक्रिया भी करूँ तो कैसे ?
आप यूँ ही निरंतर लेखन करते रहें और आपकी लेखनी कभी न रुके ...शुभकामनायें
दी सच में आप लोगों से
ReplyDeleteप्रेरणा पा के ही मैं आज लिख रहा हूँ
अभिव्यक्ति पहला blog था जो मैंने पढ़ा था .....
फिर आप को पढ़ा बिखरे मोती, गीत ,और पढता ही चला गया ...
...purani यादें तजा हो गई .
विध्यार्ती जीवन में मैं बहुत लिखता था
पर वो रचनाएँ ..वक़्त की गर्त में न जाने कहाँ खो गयी ..
अब तो उनका अवशेष ..भी न होगा ............
नादाँ थे लिखते रहे किन्तु शरंक्षण न कर सके ......
Hi..
ReplyDeleteSabhi "di" ko tumne bhai...
Etna jo samman diya...
natmastak hum bhi hain unke..
Jinko tumne maan diya...
Sundar abhaar...
Deepak
जज्बा हमेशा बना रहे और आप यूँ ही निरंतर लेखन करते रहें
ReplyDeleteधर्म जी , संगीता दी /सोभना दी sabhi ke
ReplyDeleteप्रेरणा श्रोत है।