मन की विचित्रता भी अजीव है,अनंत सागर में विचरित करती ही रहती है कलम के माध्यम से व्यक्त करने की कोशिश ....
बहुत उम्दा!
गज़ब के भावो के साथ्……॥सुन्दर अभिव्यक्ती…
बहुत ही सुंदर .... एक एक पंक्तियों ने मन को छू लिया ...
बहुत सुन्दर ....
सुन्दर ख्वाब की कल्पना |
बहुत खूब ..
बहुत उम्दा!
ReplyDeleteगज़ब के भावो के साथ्……॥सुन्दर अभिव्यक्ती…
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर .... एक एक पंक्तियों ने मन को छू लिया ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ....
ReplyDeleteसुन्दर ख्वाब की कल्पना |
ReplyDeleteबहुत खूब ..
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