रोम रोम में सुलग उठी है
आजादी की चिंगारी
जरूरत आन पड़ी है फिर से
मात्रभूमि को आज हमारी
प्राणों का बलिदान दे के
दी थी हमको खुशियाँ सारी
आज उसी को ख़तम कर चुके
देश के नेता भ्रष्टाचारी
माँ मुझको ये शक्ति देना
मिटा सकों ये दुविधा सारी
.............जय हिंद जय भारत
वाह बेहतरीन !!!!
ReplyDeleteस्वतन्त्रता की 65वीं वर्षगाँठ पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!