Sunday 15 August 2010

पहल ...



कसक

दिल में थी

तो घर से निकल पड़े

और ना

जाने कितनी

अनगिनत मुश्किलों भरी

राहों से चल के

उनके कुचे में

आ के जब ठहरे ....

तो इक

आह सी निकली दिल से ...

और ठिठक के

मुड़ गए कदम वापस

अजनबी

नाम की तख्ती

देख के

दरवाजे पर ...!!



3 comments:

  1. सुन्दर भावाभिव्यक्ति ...

    स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

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  2. बहुत अच्छी रचना \बधाई

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  3. sory to late
    स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.

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